>>> Form 15G या Form 15H सेल्फ-डेक्लेरेशन फॉर्म हैं. इनमें कोई व्यक्ति घोषित करता है कि उसकी इनकम टैक्सेबल लिमिट यानी कर लगने योग्य सीमा से कम है. इसलिए उसे टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाए.
>>> फॉर्म 15G या 15H जमा कर आप ब्याज या किराये जैसी आमदनी पर टीडीएस से बच सकते हैं. इन फॉर्म को बैंक, कॉरपोरेट बॉन्ड जारी करने वाली कंपनियों, पोस्ट ऑफिस या किराएदार इत्यादि को देना पड़ता है.
>>> फॉर्म 15G का इस्तेमाल 60 साल से कम उम्र के भारतीय नागरिक, हिंदू अविभाजित परिवार यानी HUF या ट्रस्ट कर सकते हैं. इसी तरह फॉर्म 15H 60 साल से ज्यादा की उम्र के भारतीय नागरिकों के लिए होता है.
>>> 15G और 15H की वैधता केवल एक साल के लिए होती है. इन्हें हर साल जमा करने की जरूरत पड़ती है.
>>> फॉर्म 15G या 15H के जमा करने में विलंब के कारण काटे गए अतिरिक्त टीडीएस का रिफंड केवल इनकम टैक्स रिफंड फाइल कर ही लिया जा सकता है.
Thanks
DOP Adda
Good
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